*सर्पमित्र प्राणीमीत्रोने बंदर के बच्चे को किया कैद से आझाद*दोपहर के लगभग ३:३० तीन बजे बेसा चौक से घोगली की और जानेवाले मार्ग पर गुलमोहर बार के सामने वाले परिसर मे एक व्यक्ति बंदर के दो से ढाई साल के बच्चे के गले में रस्सी बांधकर श्वान के समान रोडपर घुमाते हुए सर्पमित्र प्राणीमित्र चैताली भस्मे को नजर आया चैताली के पूछने पर उस व्यक्ति ने बताया कि घर में पालनेके लिए जंगल से बंदर का बच्चा लाया है चैताली ने तुरंत सभी प्राणीमित्रो को फोन करके इस बात की सूचना दी लेकिन समय पर कोई उपस्थित नहीं था पोलिस कंट्रोलरूम में तीन बार फोन करने पर भी कनेक्ट नहीं होपाया चैताली ने प्रणिमित्र सर्पमित्र नीतीश भांदक्ककर को फोन करनेपर नीतीश ने तुरंत मदत के लिए बेसा के सर्पमित्र अभिषेक पूरी को भेजा चैताली और अभिषेक ने बंदर के बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया बंदर के बच्चे को वापस मांगने के लिए बंदर को पालनेवाले व्यक्ति के शराबी दोस्तो ने काफी बेहस की छीनाझपटी भी हुई लेकिन अभिषेक और चैताली ने परिस्थिति को संभालते हुए हिम्मत से बंदर के बच्चे को सुरक्षित रखा कुछ देर बाद सर्पमित्र संतोष सोनी, दीपक निषाद आदि सर्पमित्र घटनास्थल पर पोहोंचे वनविभाग को सूचना देकर बंदर के बच्चे को सुरक्षित वनविभागके अधिकारियों को सौपा गया
सर्पमित्र प्राणीमीत्रोने बंदर के बच्चे को किया कैद से आझाद*
